मरा कबूतर जीती चील।
जगह-जगह बिखरा बारूद
शहरों का मिट गया वज़ूद
मानवता की भव्य इमारत
देखो हुई नेस्तनाबूद
शहरों का मिट गया वज़ूद
मानवता की भव्य इमारत
देखो हुई नेस्तनाबूद
दिखे लहू की चहुँदिश झील।
बदला किससे कौन ले रहा
क्रूर सजाएं कौन दे रहा
कत्लगाह के सन्नाटे में
इसका उत्तर मौन दे रहा
क्रूर सजाएं कौन दे रहा
कत्लगाह के सन्नाटे में
इसका उत्तर मौन दे रहा
देते सब खोखली दलील ।
बेगुनाह मारे जाएंगे
निशदिन संहारे जाएंगे
प्रथम प्रहर भी देख न पाए
बच्चे बेचारे जाएंगे
निशदिन संहारे जाएंगे
प्रथम प्रहर भी देख न पाए
बच्चे बेचारे जाएंगे
तभी शांति की होगी डील।
- ओमप्रकाश तिवारी