नये वर्ष तू बता
किस तरह
करूँ तेरी अगवानी !
किस तरह
करूँ तेरी अगवानी !
जाने कैसे
बदल रहा है
मौसम अपना रंग,
खड़ी फसल पर
ओलों ने फिर
किया रंग में भंग ;
बदल रहा है
मौसम अपना रंग,
खड़ी फसल पर
ओलों ने फिर
किया रंग में भंग ;
बेमौसम
खेतों में छहरा
पानी ही पानी।
खेतों में छहरा
पानी ही पानी।
देह बुजुर्गों
की सिकुड़ी है
ओढ़े पड़े रजाई,
सूरज की
हड़ताल चल रही
पड़ता नहीं दिखाई;
की सिकुड़ी है
ओढ़े पड़े रजाई,
सूरज की
हड़ताल चल रही
पड़ता नहीं दिखाई;
सर-सर बहती
हवा कर रही
तन से मनमानी।
हवा कर रही
तन से मनमानी।
जेब गरम है
जिनकी, पहुँचे
शिमला और मनाली,
रैन बसेरे
वालों का क्या
जिनकी जेबें खाली ;
जिनकी, पहुँचे
शिमला और मनाली,
रैन बसेरे
वालों का क्या
जिनकी जेबें खाली ;
शोर जश्न का
दबा रहा है
मजबूरों की वाणी
दबा रहा है
मजबूरों की वाणी
( 22 दिसंबर, 2014)