सोने की चिड़िया के बच्चे ।
संसद से निकला परवाना,
मुफ़्त मिलेगा सबको खाना;
कामकाज की करो न चिंता,
पड़े हाथ न पाँव हिलाना ।
मुफ़्त मिलेगा सबको खाना;
कामकाज की करो न चिंता,
पड़े हाथ न पाँव हिलाना ।
सोचो हम हैं कितने अच्छे ।
गरज नहीं पढ़ने-लिखने की,
गरज नहीं कुछ भी सिखने की;
प्रतियोगी दुनिया में हमको,
गरज नहीं बिल्कुल टिकने की ।
गरज नहीं कुछ भी सिखने की;
प्रतियोगी दुनिया में हमको,
गरज नहीं बिल्कुल टिकने की ।
गढ़ें सिर्फ़ बातों के लच्छे ।
दे सकता है जो आश्वासन,
वही करेगा हम पर शासन;
लेकर वोट भले ही हमसे,
करवाए हमको शीर्षासन ।
वही करेगा हम पर शासन;
लेकर वोट भले ही हमसे,
करवाए हमको शीर्षासन ।
गुणा-भाग में बिल्कुल कच्चे ।
भरे हुए भंडार सभी हैं,
कागज पर अधिकार सभी हैं ;
किंतु निकम्मों की बस्ती में ,
लगते ये बेकार सभी हैं ।
बार-बार खाते हैं गच्चे ।
(27 अगस्त, 2013)
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