Friday, July 19, 2013

तो लिखूँ

मन को मेरे
कुछ कुरेदे
तो लिखूँ ।

भूख औरों की
मुझे
अहसास हो,
कष्ट का उनके
मुझे
आभास हो ;

दूसरों का
दर्द बेधे
तो लिखूँ ।

लोग जीते हैं
जहां
अपने लिए,
कोई जो
औरों की ख़ातिर
भी जिए ;

अपने पल दो पल
भी दे दे
तो लिखूँ ।

हार जाना
तो बहुत
आसान है,
परिस्थितियों
पर विजय का
मान है ;

दुख को
उलटे पाँव खेदे
तो लिखूँ ।

(19 जुलाई, 2013)



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