Saturday, January 19, 2013

राजा नंगा है

राजा जी को 
कौन बताए 
राजा नंगा है ।

आँखों पर मोटी सी पट्टी
मुँह में दही जमा
झूठी जयकारों में उसका
मन भी खूब रमा 

जिस नाले वह
डुबकी मारे 
वो ही गंगा है ।

रुचती हैं राजा के मन को
बस झूठी तारीफें
उसको कोसा करें बला से
आगे की तारीखें

उसके राजकाज में
सच कहना
बस पंगा है 

पीढ़ी दर पीढ़ी उसने है
पाया या दर्जा 
ताका करती है उसका मुँह
पढ़ी-लिखी परजा

वह मुस्काए
मुल्क समझ लो
बिल्कुल चंगा है 

- ओमप्रकाश तिवारी


( 20 जनवरी, 2013 - आदरणीय राहुल गांधी की प्रोन्नति से प्रेरणा पाकर )  

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